किसी उदास मौसम में,
मेरी आँखों पे वो हाथ रख दे
अपना,
और हसती हुई कह दे,
पहचान लो तो हम तुम्हारे
ना पहचानो तो तुम
हुमारे..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
किसी उदास मौसम में,
मेरी आँखों पे वो हाथ रख दे
अपना,
और हसती हुई कह दे,
पहचान लो तो हम तुम्हारे
ना पहचानो तो तुम
हुमारे..
खूबसूरती से धोका, न खाइये जनाब,
तलवार कितनी भी खूबसूरत क्यों न हो मांगती तो खून ही है….!!
मैं वहाँ जाकर भी मांग लूंगा तुझे,,,
कोई
बताये तो फैसले कुदरत के कहाँ होते है..
सुकून से जीने का तरीका, ये भी है
लोगों की परवाह छोड़ खुदगर्ज़ बन जा..
Ek mehboob
beparwaah , ek mohbbat bepanaah…..
Dono kaafi
hain sukoon barbaad karne ko…….
दिल चाहता है धोख़े से ज़हर दे दूँ ,
आज सब ख़्वाहिशों की दावत कर के”..!!
“प्रशंसक” आपको बेशक पहचानते होंगे मगर “शुभचिन्तकों” को आपको पहचानना पड़ेगा.
अकेले ही गुज़रती है ज़िन्दगी।
लोग तसल्लियां तो देते हैं,
पर साथ नहीं।।
जिस दिन तूम आओगी मेरे घर मेरी दुल्हन बनकर
उस दिन को मै मनाऊ गा नए साल की तरह
कैद कर के तुम्हारे चेहरे को,
मेरी आँखों ने खुदकुशी कर ली