वो भी ना भूल पाई होगी मुझे…
क्योंकि बुरा वक्त सबको याद रहता हैं।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
वो भी ना भूल पाई होगी मुझे…
क्योंकि बुरा वक्त सबको याद रहता हैं।
जहाँ आपको लगे कि आपकी जरूरत नही है..
वहां ख़ामोशी से खुद को अलग कर लेना चाहिए!!
हर शख्स की अपनी कुछ मजबूरियाँ हैं,
कुछ समझ पाते हैं और कुछ रूठ जाते हैं।
मुझसे मिलने को आप आये हैं ?
बैठिये, मैं बुला के लाता हूँ |
मैं अपनी ताकते इन्साफ खो चुका वर्ना
तुम्हारे हाथ मै मेरा फैसला नही होता..
बहुत शौक है न तुझे ‘बहस’ का
आ बैठ… ‘बता मुहब्बत क्या है’..!!
तुम्हे गुरुर ना हो जाये हमे बर्बाद करने का
इसीलिए सोचा हमने महफ़िल में मुस्कुराने का..
मैंने कब कहा कीमत समझो तुम मेरी..
हमें बिकना ही होता तो यूँ तन्हा ना होते !!
हवा चुरा ले गयी थी
मेरी ग़ज़लों की किताब..
देखो, आसमां पढ़ के रो रहा है
और नासमझ ज़माना खुश है कि बारिश हो रही है..!
तुम भी अब मुझको झेल रहे हो ना
सच कहना तुम भी खेल रहे हो ना