तुमने जो दिल को छुना छोड़ दिया,
लफ्जों ने खूबसूरत होना छोड़ दिया..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
तुमने जो दिल को छुना छोड़ दिया,
लफ्जों ने खूबसूरत होना छोड़ दिया..
काश एक ख़्वाहिश पूरी हो इबादत के बगैर,
तुम आ कर गले लगा लो मुझे,
मेरी इज़ाज़त के बगैर….!!
आज फिर कुछ लोगों को बेगाना किया जायेगा,
आज फिर से मेरे दुश्मनो में इज़ाफ़ा होगा
दर्द बनकर ही रह जाओ हमारे साथ …
सुना है दर्द बहुत वक़्त तक साथ रहता है।
एक रस्म मोहब्बत में बनानी होगी,
छोड़ के जाए कोई भी शौक से,
मगर वज़ह एक दूसरे को बतानी होगी !
सारी रात गुज़र जाती है इन्ही हिसाबों में…
उसे मोहब्बत थी…? नहीं थी…? है…? नहीं है…
ज़िन्दगी तुझसे हर कदम पर समझौता करूँ,
शौक जीने का है मगर इतना भी नहीं।
यूँ ही वो दे रहा है क़त्ल कि धमकियाँ,
हम कौन सा ज़िंदा हैं जो मर जाएंगे…
मैने रंग दिया हर पन्ना तेरे नाम से ….
मेरी किताबो से पूछ इश्क किसे कहते है …..
जिंदगी अब नहीं संवरेगी शायद..
तजुर्बेकार था.. उजाड़ने वाला…