ये हर सुबह

ये हर सुबह इश्क के जलसे
ये हर रात जुदाई के जुलुस …
ये बेरोजगार शायर बनना
तुम्हारे नौकरी जितना आसान थोड़े है ।

जीत रहा हूँ

जीत रहा हूँ लाखो लोगो का दिल ये शायरी
करके
लेकिन लोगो को क्या पता अंदर से कितना
अकेला हूँ|

आँखो की गहराई

आँखो की गहराई को समझ नही सकते,
होंठो से कुछ कह नही सकते
कैसे बयां करे हम आपको यह दिल का हाल कि,
तुम्ही हो जिसके बगैर हम रह नही सकते|