महफ़िल में हँसना

महफ़िल में हँसना हमारा मिजाज बन गया,
तन्हाई में रोना एक राज बन गया,
दिल के दर्द को चेहरे से जाहिर न होने दिया,
बस यही जिंदगी जीने का अंदाज बन गया।

कभी सोचता हूँ

कभी सोचता हूँ की सारे हिसाब चुकता कर आउ,
लेकिन फिर ख्याल आता है कि आसुओ की कीमत लाख गुना अधिक होती है..

खामोश रहने दो

खामोश रहने दो लफ़्ज़ों को, आँखों को बयाँ करने दो हकीकत,
अश्क जब निकलेंगे झील के, मुक़द्दर से जल जायेंगे अफसाने..