गरीब की झोपड़ी मे

स्वभाव रखना है तो उस दीपक की तरह रखो……
जो बादशाह के महल में भी उतनी
रोशनी देता है…. जितनी किसी गरीब की झोपड़ी मे

आँखोँ के परदे भी

आँखोँ के परदे भी नम हो गए बातोँ के सिलसिले भी कम हो गए. . .
पता नही गलती किसकी है वक्त बुरा है या बुरे हम हो गए. .

आँखोँ के परदे भी

आँखोँ के परदे भी नम हो गए बातोँ के सिलसिले भी कम हो गए. . .
पता नही गलती किसकी है वक्त बुरा है या बुरे हम हो गए. .

एक सांस की डोरी

दिल तोड़ के जाने वाले सुन !

दो और भी रिश्तें बाक़ी हैं

एक सांस की डोरी अटकी है
एक प्रेम का बंधन बाक़ी है

याद आती है

मेरी आवारगी में कुछ क़सूर अब तुम्हारा भी है,
जब तुम्हारी याद आती है तो घर अच्छा नहीं लगता।

कभी जिंदगी न मिले

करनी है खुदा से गुजारिश तेरी दोस्ती के सिवा कोई बंदगी न मिले

हर जनम में मिले दोस्त तेरे जैसा या फिर कभी जिंदगी न मिले !!