दुनिया वाले गली-गली में

दुनिया वाले गली-गली में दीवार बनाते हैं
मुहब्बत का सर काट दे वो तलवार बनाते हैं

ये अदा है दुश्मनी की जो हर आशिक को
अपनी ही मौत का तलबगार बनाते हैं|

ये लफ़्ज़ों की

ये लफ़्ज़ों की शरारत है, ज़रा संभाल कर लिखना तुम;
मोहब्बत लफ्ज़ है लेकिन ये अक्सर हो भी जाती है।