कभी पास बैठ कर

कभी पास बैठ कर गुजरा तो कभी दूर रह कर गुजरा,
लेकिन तेरे साथ जितना भी वक्त गुजरा बहुत खूबसूरत गुजरा|

हर कोई भूल जाता है

हर कोई भूल जाता है अपने शहर को,
उतरता है जब भी खाबों की डगर को।

पा गये हो दोस्त तुम कुछ चार दिन के
भूल गये दोस्त, नाता पुराना साथ जिनके।

नही छोड़ी कमी

नही छोड़ी कमी किसी भी रिश्ते को निभाने में मैंने कभी…
आने वाले को दिल का रास्ता भी दिया
और जाने वाले को रब का वास्ता भी दिया…!!!