उस के सिवाय

उस के सिवाय किसी और को चाहना मेरे बस मैं है ही नही, ये दिल उसका है, अपना होता तो बात और थी.|

तेरे एहसासों की

तेरे एहसासों की धूप में सुखा लिए मैंने गीले गेशू अपने ,
पर तुम न संजो पाए मेरे हसीन ख्वाबों को आंखों में अपने !!

वक्त नूर को

वक्त नूर को बेनूर बना देता है
छोटे से जख्म को नासूर बना देता है
कौन चाहता है
अपनों से दुर रहना पर वक्त
सबको मजबूर बना देता है॥

हुये है सजदे

हुये है सजदे मुकम्मल सब मेरे आकर तेरी पनाहों में…

तेरी मर्जी तू कर शामिल मुझको , दुआओ में या गुनाहो में….