वाह रे दोगले समाज

वाह रे दोगले समाज क्या तेरी सोच हैं…

पैसे वाले की बेटी..

रात के आठ बजे कही जाए..
तो “चलन” है…!

गरीब की बेटी…

अगर उसी वक्त पर डयूटी से आए..
तो “बदचलन” है..!!

अभी सूरज नही डुबा जरा सी शाम होने दो

अभी सूरज नही डुबा जरा सी शाम होने दो
मैँ खुद लौट जाऊँगा मुझे नाकाम तो होने दो
मुझे बदनाम करने का बहाना ढुँढता है जमाना
मैँ खुद हो जाऊँगा बदनाम पहले नाम तो होने दो

मत सोच इतना

मत सोच इतना….

जिन्दगी के बारे में ,

जिसने जिन्दगी दी है…

उसने भी तो कुछ सोचा होगा…!!!

धनवान वह नहीं

धनवान वह नहीं, जिसकी तिजोरी नोटों से भरी हो ॥
धनवान तो वो हैं जिसकी तिजोरी रिश्तों से भरी हो ॥