अंगुलिया टूट गई पत्थर तराशते तराशते
जब बनी सूरत यार की..
तो खरीददार आ गये !!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
अंगुलिया टूट गई पत्थर तराशते तराशते
जब बनी सूरत यार की..
तो खरीददार आ गये !!!
माँ का चेहरा भी हसींन है तस्बीह
के दानो की तरहा…….
मैं प्यार से देखता गया और इबादत
होती गयी|
अब आप आ गए हैं तो आता नहीं है याद
वर्ना हमें कुछ आप से कहना ज़रूर था
मेरे तो दर्द भी औरों के काम आते हैं
मैं रो पड़ूँ तो कई लोग मुस्कराते हैं…
मैं क्यों कहूँ उससे की मुझसे बात करो,
क्या उसे नहीं मालूम की
उसके बिना मेरा दिल नहीं लगता …
यादों की मधुमक्खियां डंसती रहीं
वो गया जो छत्ते पे पत्थर मार कर|
कितना चालाक मेरा यार सितमगर निकला
उस ने तोहफे में घड़ी दी है मगर वक़्त नही..
दुनिया तेरे वजूद को करती रही तलाश,
हमने तेरे ख़याल को दुनिया बना लिया!
कल का आशिक़ वफ़ा तलाश करता था,
आज का आशिक जगह तलाश करता है!
तुम भी सच का सामना कर लो बैठो
सुकून से सामने अपने आईना कर लो!