हम कितने दिन जिए ये जरुरी नहीं
हम उन दिनों में कितना जिए ये जरुरी है|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
हम कितने दिन जिए ये जरुरी नहीं
हम उन दिनों में कितना जिए ये जरुरी है|
अदब का दरवाज़ा इतना छोटा और तंग होता है कि…
उसमें दाखिल होने से पहले सर को झुकाना पड़ता है…
इस दुनिया में यूँ तो कसमें बहोत लोग खाते है,
सिर्फ कुछ लोग ही दिल-ओ-जान से निभाते है !!
उसने हर नशा सामने लाकर रख दिया और कहा…
सबसे बुरी लत कौन सी है, मैंने कहा तेरे प्यार की |
हम चुप है तो हमें चुप ही रहने दो..!!
हम जिद पर आ गए तो जमाने से छीन लेंगे तुम्हें….!!!!
मज़ा आता अगर
गुजरी हुई बातों का अफ्साना,
कहीं से तुम बयां करते,
कहीं से हम बयां करते।।
भरोसे पे ही जिंदगी टीकी है,
वरना कौन कहता की फ़िर मिलेंगे !!
मय को मेरे सुरूर से हासिल सुरूर था,
मैं था नशे में चूर नशा मुझ में चूर था…
ज़रा सी उम्र में किस किस का हल तलाश करें,
खड़े हैं रास्ता रोके हुए हज़ार सवाल…
इश्क़ की दुनिया में क्या क्या हम को सौग़ातें मिलीं,
सूनी सुब्हें रोती शामें जागती रातें मिली…