तेरी शब मेरे

तेरी शब मेरे नाम हो जाये
नींद मुझ पर हराम हो जाये

लौट आता है घर परिन्दा भी
इससे पहले कि शाम हो जाये

अब मौत से

अब मौत से कह दो कि नाराज़गी खत्म कर ले,
वो बदल गयी है जिसके लिए हम ज़िंदा थे​।