ना किया कर

ना किया कर अपने दर्द को शायरी में बयान ऐ दिल…..
कुछ लोग टूट जाते हैं इसे अपनी दास्तान समझकर…….

उनको डर है

उनको डर है कि हम उन के लिए जान नही दे सकते,और मुझे खोफ़ है कि वो रोएंगे बहुत मुझे आज़माने के बाद..

मेरा वक़्त बोला

मेरा वक़्त बोला मेरी हालत को देख कर,
मैं तो गुजर रहा हूँ तू भी गुजर क्यों नहीं जाता।

जागना भी कबूल हैं तेरी यादों में रात भर,
तेरे एहसासों में जो सुकून है वो नींद में कहाँ ।

इतना ही गुरुर है तो मुकाबला इश्क से कर ऐ बेवफा,
हुस्न पर क्या इतराना जो मेहमान है कुछ दिन का।