पूछ रही है

पूछ रही है आज मेरी शायरियाँ मुझसे,
कहाँ उड़ गये वो परिंदे जो वाह वाह किया करते थे!

रूबरू होने की

रूबरू होने की तो छोड़िये,
लोग गुफ़्तगू से भी क़तराने लगे हैं……

ग़ुरूर ओढ़े हैं रिश्ते,
अपनी हैसियत पर इतराने लगे हैं..

जिससे प्यार करो

जिससे प्यार करो ,उसे अगर पा लिया जाये तो इसे किस्मत कहते है,
और जो किस्मत में नही है फिर भी उसी से प्यार करो तो इसे मोहब्बत कहते है…..!!!

सबने खरीदा सोना

सबने खरीदा सोना, मैने एक सुई खरीद ली, सपनों को बुनने जितनी डोरी खरीद ली।
शौक- ए- जिन्दगी कुछ कम किये, फिर सस्ते में ही सुकून-ए-जिन्दगी खरीद ली।।