शब्द तो शोर है

शब्द तो शोर है तमाशा है
भाव के बिंदु का बिपाशा है
मरहम की बात होठो से ना करो
मोन ही तो प्रेम की परिभाषा |

न चमन है

न चमन है , न गुल है ,न मौसम-ए-बहार है

मेरी भी जिंदगी क्या खूब है – सिर्फ इन्तजार है।

किसी के नहीं होते

आसमां पे ठिकाने किसी के नहीं होते,
जो ज़मीं के नहीं होते, वो कहीं के नहीं होते..!!

ये बुलंदियाँ किस काम की दोस्तों…
की इंसान चढ़े और इंसानियत उतर जायें….