जिस कदर उसकी कदर की हमने,
उस कदर बेकदर हुए है हम !!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
जिस कदर उसकी कदर की हमने,
उस कदर बेकदर हुए है हम !!
एक तेरे बगैर ना गुजरेगी मेरी ज़िन्दगी …
बता मैं क्या करू सारे ज़माने की मोहब्बत ले के
पागलपन की हद से न गुजरे तो प्यार कैसा. .?
होश मे तो रिश्ते निभाए जाते है
मुखौटे बचपन में देखे थे, मेले में टंगे हुए,
समझ बढ़ी तो देखा लोगों पे चढ़े हुए…!!
तुम तो शरारत पे उतर आए, ये कैसी चाहत पे उतर आए…….,
दिल क्या दिया तुम्हें अपना, तुम तो हुकूमत पे उतर आए…..
कैसे इस दिल से तुझे भुला दें हम
तेरे नाम की लय पर तो धड़कनें चलती हैं..!!
अमीरी जब तक अपने शौक़ पूरे कर सोती है ।
मुफ़लिसी जाग जाती है एक और दिन के लिए ।।
आसान सा रास्ता है बदनाम होने का यारो ,
ज्यादा कुछ नही फ़कत मोहब्बत कर लो…
माँग रही थी कामवाली
बाई थोड़े ज्यादा पैसे
बहू ने थोड़ा प्यार दिखाकर
अपनी सास को गाँव से बुला लिया…
हर रंग लगा के देखा चेहरे
पर रंग उदासी का उतरा ही नही..!!