सवाल ज़हर का

सवाल ज़हर का नहीं था
वो तो हम पी गए
तकलीफ लोगो को बहुत हुई
की फिर भी हम कैसे जी गए|

उल्टी हो गईं

उल्टी हो गईं सब तदबीरें कुछ न दवा ने काम किया
देखा इस बीमारी-ए-दिल ने आख़िर काम तमाम किया|

बहुत देर करदी

बहुत देर करदी तुमने मेरी धडकनें महसूस करने में..!​

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​वो दिल नीलाम हो गया, जिस पर कभी हकुमत तुम्हारी थी..!​