उसे छुना जुर्म है,
तो मेरी फाँसी का इन्तेजाम करो..
मै आ रहा हु उसे सीने से लगा कर…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
उसे छुना जुर्म है,
तो मेरी फाँसी का इन्तेजाम करो..
मै आ रहा हु उसे सीने से लगा कर…
अल्फाज़ अक्सर अधूरे ही रह जाते है मोहब्बत में ,
हर सख्स किसी न किसी की चाहत दिल में दबाये रखता है|
अगर लोग यूँ ही कमिया निकालते रहे तो,…
एक दिन सिर्फ खुबिया ही रह जायेगी मुझमे …
जिनको थामा हाथ समझ कर,
वो केवल दस्ताने निकले..!
तुम मुझे हंसी हंसी में खो तो दोगे,
पर याद रखना… आंसुओं में ढ़ूंढ़ोगे…
इन्सान की चाहत है कि उड़ने को पर मिले,
और परिंदे सोचते हैं कि रहने को घर मिले
जब जब सच बोलके देखा मुह पे इंसान के,
हर वक़्त एक नया ही रंग सामने आया ।
कोई कम्बखत उछाल न दे हवा में….
अपने गालों से लग जाने दे,
एक मुठ्ठी गुलाल ही तो हूँ
जरा मुस्कुरा के देखो,
दुनिया हँसती नजर आएगी!
सज़दे कीजिये या माँगिये दुआयें,
जो आपका है ही नही वो आपका
होगा भी नही…!!