जिस दिन तूम आओगी मेरे घर मेरी दुल्हन बनकर
उस दिन को मै मनाऊ गा नए साल की तरह
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
जिस दिन तूम आओगी मेरे घर मेरी दुल्हन बनकर
उस दिन को मै मनाऊ गा नए साल की तरह
कैद कर के तुम्हारे चेहरे को,
मेरी आँखों ने खुदकुशी कर ली
भूल सकते हो तो भूल जाओ इजाज़त है तुम्हे….
न भूल पाओ तो लौट आना एक और भूल की इजाज़त है तुम्हें…..
कुछ नही मिलता जितनी मर्जी वफा कर लो किसी से…
मेरे दोस्त…
जब वक़्त वफ़ा ना करे तो….
वफादार भी बेवफा हो जाता है.
परिणामो की चिंता करना हमारा कार्यक्षेत्र नहीं हे..
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हम तो सिर्फ कार्य करने के लिए उत्तरदायी हे…
……
हर कोई मुझे जिंदगी जीने का तरीका बताता है,
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उन्हें कैसे समझाऊ एक ख्वाब अधुरा है ….
वर्ना जीना मुझे भी आता था…..
…..
अगर रुक जाये धड़कन तो इसे मौत न समझना….
अक्सर होता है ऐसा तुझे याद करते-करते….
आदमी सुनता है मन भर’.
सुनने के बाद प्रवचन देता है टन भर;
और खुद ग्रहण नही करता कणभर।
मेरी नजर से कभी खुद को देखना,
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तुम खुद ही खुद पे फिदा हो जाओगे…!!
मेरा नाम लिखकर छूकर देखना कभी…
कोई दिल वहाँ भी धड़क रहा होगा