कोई बात बने।

दरिया बन कर किसी को डुबोना बहुत आसान है,

मगर “जरिया” बनकर किसी को बचायें तो कोई बात बने।

कदम रुक गये

किसी ने कहा था महोब्बत फूल जैसी है!!

कदम रुक गये आज जब फूलों को बाजार में बिकते देखा!

रिश्तों की डोरी

रिश्तों की डोरी तब कमजोर होती है जब इंसान ग़लतफहमी में

पैदा होने वाले सवालों का जवाब खुद ही बना लेता है !

हमारे करीब होंगे

वो वक़्त वो लम्हे कुछ अजीब होंगे!
दुनिया में हम खुश नसीब होंगे!
दूर से जब इतना याद करते है आपको!
क्या होगा जब आप हमारे करीब होंगे?