दो गज से ज़रा

दो गज से ज़रा ज़्यादा जगह देना कब्र में
मुझे….

कि किसी की याद में करवट बदले बिना मुझे
नींद नहीं आती…..

हंसने के बाद

हंसने के बाद क्यों रुलाती है दुनिया;
जाने के बाद क्यों भुलाती है दुनिया;
जिंदगी में क्या कोई कसर बाकी है;
जो मर जाने के बाद भी जलाती है दुनिया।

बड़ी हसरत से

बड़ी हसरत से सर पटक पटक के गुजर गई, कल शाम मेरे शहर से आंधी ।
वो पेड़ आज भी मुस्कुरा रहें हैं, जिनमे हुनर था थोडा झुक जाने का ।