चाहतों ने किया

चाहतों ने किया मुझ पे ऐसा असर;
जहाँ देखूं मैं देखूं तुझे हमसफ़र;
मेरी खामोशियाँ भी जुबान बन गयी;
मेरी बेचैनियां इश्क़ की दास्तान बन गयी।

मेरी रूह में

मेरी रूह में न समाती तो भूल जाता तुम्हे,
तुम इतना पास न आती तो भूल जाता तुम्हे,
यह कहते हुए मेरा ताल्लुक नहीं तुमसे कोई,
आँखों में आंसू न आते तो भूल जाता तुम्हे|

अगर शक है

अगर शक है मेरी मोहब्बत पे तो दो चार गवाह बुला लो,हम आज, अभी, सबके सामने, ये जिन्दगी तेरे नाम करते है..