कुछ दिन से

कुछ दिन से मैंने दर्द की बात नही की …
दुनिया समझ रही हैं बहुत खुश हूं मैं …

छत कहाँ थी

छत कहाँ थी नशीब में, फुटपाथ को जागीर समझ बैठे।
गीले चावल में शक्कर क्या गिरी ,बच्चे खीर समाज बैठे।

तुम मिली तो ऐसा लगा

तुम मिली तो ऐसा लगा कि पूरी दुनिया को पा लिया…
जब तुम जुदा हुईं मुझसे,

तो ऐसा लगा किसी ने मेरा

दिल ही निकाल लिया|

छा जाती है

छा जाती है खामोशी अगर गुनाह अपने हों..!!
बात दूसरे की हो तो शोर बहुत होता है….!!