तुझे भूलकर भी

तुझे भूलकर भी न भूल पायेगें हम,
बस यही एक वादा निभा पायेगें हम,
मिटा देंगे खुद को भी जहाँ से लेकिन,
तेरा नाम दिल से न मिटा पायेगें हम.

शायर होना भी

शायर होना भी कहाँ आसान है,
बस कुछ लफ़जों मे दिल का अरमान है,
कभी तेरे ख्याल से महक जाती है मेरी गज़ल,
कभी हर शब्द परेशान है….

आप दरिया हैं

आप दरिया हैं तो फिर इस वक्त हम खतरे में हैं….

आप कश्ती हैं तो हमको पार होना चाहिये…