लफ़्ज़ों के इत्तेफाक़ में,यूँ बदलाव करके देख,
तू देख कर न मुस्कुरा,बस मुस्कुरा के देख।।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
लफ़्ज़ों के इत्तेफाक़ में,यूँ बदलाव करके देख,
तू देख कर न मुस्कुरा,बस मुस्कुरा के देख।।