हैं दफ्न मुझमें मेरी कितनी रौनकें, मत पूँछ मुझसे….!!
उजड़ – उजड़ के जो बसता रहा, वो शहर हूँ मैं…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
हैं दफ्न मुझमें मेरी कितनी रौनकें, मत पूँछ मुझसे….!!
उजड़ – उजड़ के जो बसता रहा, वो शहर हूँ मैं…