इतनी ख़ामोशी से गुज़र रही है ज़िंदगी अब,
की मेरी धड़कनों को भी नहीं पता कि दिल रो रहा है|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
इतनी ख़ामोशी से गुज़र रही है ज़िंदगी अब,
की मेरी धड़कनों को भी नहीं पता कि दिल रो रहा है|