by pyarishayri - Love Shayri, Mosam Shayri, Shayari, WhatsApp Status, Zindagi Shayri, लव शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - March 21, 2017 ये नर्म मिज़ाजी है ये नर्म मिज़ाजी है जनाब कि गुल कुछ नही कहते, वरना कभी दिखलाइये .. काँटों को मसलकर….