by pyarishayri - Best Whatsapp Status, Hindi Shayri, Love Shayri, Mosam Shayri, Urdu Shayri, लव शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - November 22, 2016 बीती जो खुद पर बीती जो खुद पर तो कुछ न आया समझ, मशवरे यूँ तो हम औरों को दिया करते थे