हम ग़मों को छिपाने का कारोबार करते हैं,
कसूर बस इतना है, हम गम देने वाले से ही प्यार करते हैं..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
हम ग़मों को छिपाने का कारोबार करते हैं,
कसूर बस इतना है, हम गम देने वाले से ही प्यार करते हैं..