कोशिश बहुत की के राज़-ए-मौहब्बत बयाँ न हो !!
पर मुमकिन कहां है के आग लगे और धुआँ न हो ।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कोशिश बहुत की के राज़-ए-मौहब्बत बयाँ न हो !!
पर मुमकिन कहां है के आग लगे और धुआँ न हो ।