काईनात में कोई इतनी शिद्दत से
किसी का इंतेजार नहीं करता जितना अल्लाह अपने बंदे की तौबा का करता है
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
काईनात में कोई इतनी शिद्दत से
किसी का इंतेजार नहीं करता जितना अल्लाह अपने बंदे की तौबा का करता है