अभी इस तरफ़ न निगाह कर मैं ग़ज़ल की पलकें सँवार लूँ..
मेरा लफ़्ज़-लफ़्ज़ हो आईना तुझे आईने में उतार लूँ…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
अभी इस तरफ़ न निगाह कर मैं ग़ज़ल की पलकें सँवार लूँ..
मेरा लफ़्ज़-लफ़्ज़ हो आईना तुझे आईने में उतार लूँ…