by pyarishayri - Love Shayri, Mosam Shayri, Shayari, WhatsApp Status, Zindagi Shayri, जिंदगी शायरी, दर्द शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - January 19, 2017 मैं फलक ठहरा मैं फलक ठहरा वो दरिया जमीन पर बिखरी… रुख़सती तो दूर हुई मिलन ही कहाँ मुकम्मल