इसे
सामान-ए-सफ़र मान, ये जुगनू रख ले,
राह में तीरगी होगी, मेरे
आंसू रख ले,
तू जो चाहे तो तेरा झूठ भी बिक सकता है,
शर्त इतनी
है के सोने का तराजू रख ले,
वो कोई जिस्म नही है जिसे छु भी
सके,
अगर नाम ही रखना है तो खुशबु रख ले,
तुझको अनदेखी
बुलंदी में सफ़र करना है,
एहतियातन मेरी हिम्मत, मेरे बाज़ू रख ले,
मेरी ख्वाइश है के आँगन में दीवार न उठे,
मेरे भाई मेरे हिस्से की
ज़मी तू रख ले….