अभी तो तड़प-तड़प के
दिन के उजालों से निकला हू…
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न जाने रात के अँधेरे और कितना रुलायेंगे.
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
अभी तो तड़प-तड़प के
दिन के उजालों से निकला हू…
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न जाने रात के अँधेरे और कितना रुलायेंगे.