न जाने कब

न जाने कब खर्च हो गये , पता ही न चला….!
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वो लम्हे , जो छुपाकर रखे थे “जीने के लिए”…!!

मीठा बोलने वाले

मीठा शहद बनाने वाली मधुमक्खी
भी डंख मारने से नहीं चुकती
इसलिए होंशियार रहें…
बहुत मीठा बोलने वाले भी
‘हनी’ नहीं ‘हानि’ दे सकते है

मोहलत लेकर आयेंगे

वादा करते हैं दोस्ती निभाएंगे कोशिश यही रहेगी तुझे ना सताएँगे

ज़रूरत पड़े तो दिल से पुकार ना

मर भी रहे होंगे तो मोहलत लेकर आयेंगे

लगे है जैसे

लगे है जैसे खूबसूरत

शमा पर -ज़ोर है ,
ढूंढा तोह पाया आपकी है ये मिठास
जो

आज के दिन एक चॉकलेट की तरह …
मीठी और छायी हर

और है ..
चॉकलेट का मीठा दिन मुबारक हो

काम जरूर करना

अगर मरने के

बाद भी जीना चाहो तो एक काम जरूर
करना……
पढने लायक कुछ

लिख जाना या लिखने लायक कुछ कर जाना…