किससे और कब

मोहब्बत किससे और कब हो जाये अदांजा नहीं होता..!

ये वो घर है, जिसका दरवाजा नहीं होता.

कोई मुझ से

कोई मुझ से पूछ बैठा
‘बदलना’ किस को कहते हैं?
सोच में पड़ गया हूँ मिसाल किस की दूँ ?
“मौसम” की या “अपनों” की

रूठ जाए तुमसे

रिश्तों में इतनी बेरुख़ी भी अच्छी नहीं हुज़ूर..

देखना कहीं मनाने वाला ही ना रूठ जाए तुमसे..!!

कुछ अलग ही

कुछ अलग ही करना है तो वफा करो दोस्त,

वरना मजबूरी का नाम ले कर बेवफाई तो सभी करते है !

जो दुआ न करे

वो दिल ही क्या तेरे मिलने की जो दुआ न करे..
मैं तुझको भूल के ज़िंदा रहूँ ख़ुदा न करे।।

रहेगा साथ तेरा प्यार ज़िन्दगी बनकर..
ये और बात मेरी ज़िन्दगी वफ़ा न करे।।