एक रविवार ही है

एक रविवार ही है जो रिश्तों को संभालता है
वरना बाकि

दिन तो किश्तों को सँभालने में लग जाते है !!

तुलसी ये तन

तुलसी ये तन

खेत हैं,
मन वचन कर्म किसान |
पुण्य पाप ये दो बीज हैं,
क्या बोना हैं

ये तू जान ||

ए मौसम तू

ए मौसम तू चाहे कितना भी बदल जा

पर,
इंसान के जैसे बदलने का हुनर तुझे कभी नही आएगा…॥

सिर्फ सिक्के थे

जिनके पास सिर्फ सिक्के थे वो

मज़े से भीगते रहे बारिश में ….

जिनके जेब में नोट थे वो छत

तलाशते रह गए…