बहुत आसान है पहचान इसकी….,
अगर दुखता नहीं है तो “दिल” नहीं है….।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
बहुत आसान है पहचान इसकी….,
अगर दुखता नहीं है तो “दिल” नहीं है….।
यूं तो मेरा भी एक ठिकाना है मगर
तुम्हारे बिना लापता हो जाता हूँ मैं|
काश यह जालिम जुदाई न होती!
ऐ खुदा तूने यह चीज़ बनायीं न होती!
न हम उनसे मिलते न प्यार होता!
ज़िन्दगी जो अपनी थी वो परायी न होती!
तूम सौ जाऔ केवल भाई वरना गंदगी तूम को साफ करने पडेगी|
अभी अभी जो जुदाई की शाम आई थी
हमें अजीब लगा ज़िन्दगी का ढल जाना|
ख़्वाहिशों का कैदी हूँ,
मुझे हकीक़तें सज़ा देती हैं..!!!
यकीन मानो मैं तुम्हारे उन कैदियों में से हूँ
जो खुले दरवाजे देखकर भी फरार नहीं होते…
कहां तलाश करोगे तुम दिल हमारे जैसा,
जो तुम्हारी बेरूखी भी सहे ओर प्यार भी करे !
इतने तो लम्हे भी नही बिताये मेने तेरे संग..
जितनी रातो की निंद ले गये हो तुम छिन के..
फिर यूँ हुआ कि सब्र की उँगली
पकड़कर हम..इतना चले कि रास्ते हैरान हो गए..