कुछ पन्ने क्या फटे
जिन्दगी की किताब के,
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ज़माने ने समझा हमारा
दौर ही बदल गया.!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कुछ पन्ने क्या फटे
जिन्दगी की किताब के,
.
ज़माने ने समझा हमारा
दौर ही बदल गया.!!
आँख से दूर न हो..दिल से उतर जायेगा…
वक़्त का किया है..गुज़रता है गुज़र जायेगा…
बहुत मुश्किल से करता हूँ,
तेरी यादों का कारोबार,
मुनाफा कम है,
पर गुज़ारा हो ही जाता है…
तुम कभी मोहब्बत आज़मा कर
देखना हमसे..!!
–
हम जिन्दगी से हार जायेंगे
मोहब्बत से नही..!!
बड़ा बाजार है ये दुनियां, सौदा संभल के कीजिये,
मतलब के लिफाफे में बेसुमार दिल मिलते है !!
निकले थे इस आस पे किसी को बना लेंगे अपना ,
एक ख्वाहिश ने उम्र भर का मुसाफिर बना दिया..
इतर से कपड़ों का महकाना कोई बड़ी बात नहीं हे,
मज़ा तो तब है जब आपके किरदार से खुशबु आये…
तुझसे बहुत अनमोल है रिश्ते मेरे….
दरमियान खामोशी को क्यूँ रख दिया तुमने !!
तुम मेरे दिल में हो…. ये सबको खबर है…क्या वजह है की….बस तू ही बे-खबर है…!!
दूर जा रही हो मेरी ज़िन्दगी से तो शौक़ से जाओ..
पर याद रखना पीछे मुड़कर देखने की आदत हमारी भी नहीं…!!