आप सो जाइये अब दिल के पुरे सुकून के साथ..
मुझे तो आपके ख्याल इस रात अभी और जगायेंगे..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
आप सो जाइये अब दिल के पुरे सुकून के साथ..
मुझे तो आपके ख्याल इस रात अभी और जगायेंगे..
मुहब्बत मुक़म्मल होती तो ये रोग कौन पालता …
अधूरे आशिक़ ही तो शायर हुआ करते हैं…
बहुत दिनों से
जिन्हें ओढ़ा नहीं है
कल उन रिश्तों
को धूप दिखाने का मन है…
कुछ दरमियाँ नहीं है गर तेरे मेरे तो ये बेचैनियाँ क्यूँ हैं?
लौट आओ कि कुछ रिश्ते बेरुखी से भी नहीं टूटा करते|
मिलती है मौजूदगी उस खुदा की उसको
जिसने जर्रे जर्रे में ,क़तरे क़तरे में तलाशा है उसको ।
फिर कोई जुदा नहीं कर पाएगा हमें…अगली बार आऊंगा मैं तेरे मजहब का बनके…
मेरे अज़ीज़ ही मुझ को समझ न पाए हैं,
मैं अपना हाल किसी अजनबी से क्या कहती….
साथ जब भी छोडना मुस्कुराकर छोडना
ताकि दुनिया ये न समझे हममे दूरी हो गई…
लफ़्ज़ों की गुजरिशो में ना उलझ मंज़र….
हर गुजारिश की आरज़ू जायज़ नही होती
मेरे दिल का करार था वो जो अब कही खो गया….
मैं बाहर ढूँढता रहा उसे के वो मुझमे ही सो गया|