सोचा तो नहीं था

ऐसा कोई जिंदगी से वादा तो नहीं था
तेरे बिना जीने का इरादा तो नहीं

था
तेरे लिये रातो में चाँदनी उगाई थी
क्यारियों में खुशबू की रोशनी लगाई थी
जाने कहाँ टूटी

है डोर मेरे ख्वाब की
ख्वाब से जागेंगे सोचा तो नहीँ था
शामियाने शामो के रोज ही सजाएं

थे
कितनी उम्मीदों के मेहमा बुलाएं थे
आके दरवाज़े से लोट गए हो ऐसे
यूँ भी कोई आयेगा

सोचा तो नहीं था…..

इस बनावटी दुनिया में

इस बनावटी दुनिया में

कुछ सीधा सच्चा रहने दो,
तन वयस्क हो जाए चाहे, दिल तो बच्चा रहने दो,
नियम कायदो

की भट्टी में पकी तो जल्दी चटकेगी,
मन की मिट्टी को थोडा सा तो गीला, कच्चा रहने दो|