मेरा तो कुछ न हुआ हाथ जल गए उसके
बुझा रहा था जो मुझको बड़ी
सफ़ाई से..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मेरा तो कुछ न हुआ हाथ जल गए उसके
बुझा रहा था जो मुझको बड़ी
सफ़ाई से..
हिम्मत
इतनी थी समुन्दर भी पार कर सकते थे
मजबूर इतने हुए कि दो बूँद आँसुओं
ने डुबो दिया..!!
आज तो
जिंदगी के मजे करो,
क्योकि जिंदगी नही मिलेगी
जिंदगी सुंदर है पर मुझे.
जीना नहीं आता,
हर चीज में नशा है पर मुझे.
पीना नहीं आता,
सब मेरे बिना जी सकते हैं,
र्सिफ मुझे दोस्तों के बिना….
जीना नहीं आता….!
सब सो गए थे अपना दर्द अपनो को सुना कर
मेरा भी कोई अपना होता तो मुझे भी नींद आ जाती…….
सहा ना जाये के उसका लहजा सख्त ऐसा था,
ये और बात थी, वो लब नाजुक फूलों जैसा था.
निगाहों से भी चोट लगती है…
जनाब….
जब कोई देख कर भी अन्देखा कर देता है…!!
वो फिर से लौट आये थे मेरी जिंदगी में’
अपने मतलब के लिये और हम सोचते रहे की हमारी दुआ में दम था.. .
बारिश में रख दो इस जिंदगी के पन्नों को, ताकि धुल जाए स्याही,
ज़िन्दगी फिर से लिखने का मन करता है कभी-कभी।
माना की तेरी नजर मे मै कुछ भी नही,
मगर मेरी कदर तू उनसे पूछ जिन्हे पलटकर नही देखा मैने सिर्फ तेरे
लिए…!!!