बहुत अमीर होती है ये शराब
की बोतलें…
पैसा चाहे जो भी लग जाए पर सारे ग़म ख़रीद
लेतीं है…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
बहुत अमीर होती है ये शराब
की बोतलें…
पैसा चाहे जो भी लग जाए पर सारे ग़म ख़रीद
लेतीं है…
इतनी दूरियां ना बढ़ाओ थोड़ा सा याद ही कर लिया करो, कहीं ऐसा ना हो कि तुम-बिन जीने की आदत सी हो जाए…
कसम की कोई ज़रुरत नहीं मुहब्बत को
तुझे कसम है, खुदा को भी दरमियां रखना
ये मुझे चैन क्यो नहीं पड़ता
एक ही शख्स था जहान में क्या?
दुश्मन के सितम का खौफ नहीं हमको,…..
…,हम तो आपं के रूठ जाने से डरते हैं…
काश तुम भी हो जाओ तुम्हारी यादों की तरह,न वख्त देखो,ना बहाना देखो,बस चले आओ !!
अभी तो राख ही हुए हैं तुझे पाने की चाह में
अभी तो बिखरने का खेल बाकी है
मुझी को देख, कहाँ पर शिकस्त खायी है
अब इसके बाद तुझे शौक़ है तो हारे जा
सोचा था इस कदर उनको भूल जाएँगे,
देखकर भी अनदेखा कर जाएँगे,
पर जब जब सामने आया उनका चेहरा,
सोचा एस बार देखले, अगली बार भूल जाएँगे…..
इस दुनिया मे कोई किसी का हमदर्द नहीं होता लाश को शमशान में रखकर अपने लोग ही पुछ्ते हे “और कितना वक़्त लगेगा”