कसा हुआ हैं

कसा हुआ हैं तीर हुस्न का ज़रा संभलके रहियेगा,

नज़र नज़र को मारेगी तो क़ातिल हमें ना कहियेगा…….

झूठ बोलते है वो

झूठ बोलते है वो…
जो कहते हैं,
हम सब मिट्टी से बने हैं
मैं कईं अपनों से वाक़िफ़ हूँ जो पत्थर के बने हैं

आज मैं भेज

आज मैं भेज रहा हूँ एक सबसे ज्यादा गहराई वाला शेर भेज रहा हूँ

अगर पसन्द आये तो शाबाशी अवश्य दीजियेगा

ऐ ख़ुदा हिन्दोस्ताँ को बख़्श ऐसे आदमी
जिनके सर में मग़ज़ हो और मग़ज़ में ताबिन्दगी