मत पूँछ मुझसे

हैं दफ्न मुझमें मेरी कितनी रौनकें, मत पूँछ मुझसे….!!

उजड़ – उजड़ के जो बसता रहा, वो शहर हूँ मैं…

पहुंच हे हमारी

पहुंच हे हमारी चाँद तक ,

ये तारे भी हमें सलाम किया करते हैं

ये आसमा भी झुक जाता है….

जब हम आपको याद किया करते हैं..!

उल्फत की जंजीर

उल्फत की जंजीर से डर लगता हैं,
कुछ अपनी ही तकदीर से डर लगता हैं,

जो जुदा करते हैं, किसी को किसी से,
हाथ की बस उसी लकीर से डर लगता हैं..