छोड़ ही दें तो अच्छा

हवाएँ ज़हरीली करने वाले,ये ज़मीं छोड़ ही दें तो अच्छा….

मेरी नेकनीयती पर करना यकीं छोड़ ही दें तो अच्छा….

उनकी कुलबुलाहट से अब मैं भी नहीं इतना “ग़ाफ़िल”..

अब कुछ साँप मेरी आस्तीं छोड़ ही दें तो अच्छा….

ज़हर पिला दो

आज इतना ज़हर पिला दो की मेरी साँस ही रुक जाये,
सुना है साँस रुकने पर बेवफा भी देखने आती है ।