टूटने लगे हौसले तो

टूटने लगे हौसले तो ये याद रखना,
बिना मेहनत के तख्तो-ताज नहीं मिलते,
ढूंढ़ लेते हैं अंधेरों में मंजिल अपनी,
क्योंकि जुगनू कभी रौशनी के मोहताज़ नहीं होते…

दो वक्त की रोटी

दो वक्त की रोटी मिलने के लिए भी कितनी किस्मत चाहिए।
कभी उनसे पूछो जिनको रोज रोटियां नही मिलती।

तेरी रूह में

तेरी रूह में सन्नाटा है और मेरी आवाज़ में चुप
तू अपने अंदाज़ में चुप है मैं अपने अंदाज़ में चुप !!